लेमेन्स इवैंजलिकल फैलोशिप इंटरनैशनल

संदेश-उपदेश

 

डरते और काँपते

 

"भय सहित यहोवा की उपासना करो, और थरथराते हुए मग्न हो।" (भजन संहिता 2:11)

 

            क्यों थरथरायें? हम स्वर्गीय अधिपति की उपासना कर रहें है। हमारे विश्वास में किसी प्रकार का अहंकार स्थान पाये। क्योंकि परमेश्वर प्रेम है, तो यह सोचना कि जो मन मे आया वह अपनी इच्छानुसार कर सकते हो। भय सहित प्रभु की उपासना करें, क्योंकि उनके उद्देश्य महान हैं। भय और थरथराते हुए उनकी सेवा में सम्मिलित हो। वह तुमको कैसे इस्तेमाल करने जा रहे हैं?"मुझ से मांग तो निश्चय ही मैं जाति-जाति को तेरे उत्तराधिकार में, और पृथ्वी के छोर, तेरी निज भूमि होने के लिए दे दूंगा। तू लोह-दण्ड से उनके टुकड़े कर देगा, और कुम्हार के बर्तन के समान तू उन्हें चकनाचूर कर डालेगा।" (भजन संहिता 2:8-9) अगर भय और थरथराते हुए परमेश्वर की उपासना करें तो जाने तुमको वह कितना सामर्थ देने वाला है।

            इग्लैण्ड की महारानी के साथ भोजन करना हो, तो तुमको अपनी इच्छा के अनुसार व्यवहार करने की आजादी नही है। अपने घर में तुम हॅंसते, बाते करते, बेफिक्र रह  सकते हो। मगर महारानी के सम्मुख तुम्हें सावधान रहना होगा। राजाओं के राजा-परमेश्वर के सामने तुमको और अधिक चौकस रहना होगा। तुमको अति पवित्र रहना होगा। परमेश्वर तुम्हारे विचारों को और मन के गहरे उद्देश्यों को पढ़ लेता है। तुम में कैसी भावनायें है, वह जाँचता है। किस प्रकार के विचारों से तुम्हारा मन भरा है, यह भी वह परख लेता है।

            "इस्राएलियों की सारी मंडली से बात कर और कह - तुम पवित्र बने रहो, क्यों कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा पवित्र हूँ।" (लैव्यव्यवस्था 19:2) तुम्हारी अपनी मर्यादा का स्तर रहता है। मगर परमेश्वर का स्तर कहीं अधिक ऊँचा हैं। जब हम उनके सम्मुख जायें, हम थरथरायें। मूसा की तरह अगर हम नम्र रहें, सावधान और दीन रहें तो जाति जाति के लोगों को हम लोह-दण्ड से टुकड़े-टुकड़े कर पायेंगे। मूसा ने मिस्र देश को कुम्हार के बर्तन की भॉंति चकनाचूर कर दिया। अगर तुम अपने आप को परमेश्वर के सामने खड़ा रहने योग्य बना पाओ तो, परमेश्वर कहते है कि तुम भी वैसे ही कर पाओगे।। मूसा ने अपने आपको दीन करके, परमेश्वर के पवित्र सानिध्य में खड़ा होने योग्य बनाया। मूसा के सामने एक महान राजा को थरथराना पड़ा।

            परमेश्वर कहते है कि तुम उनके युद्ध की कुलहाड़ी हो। अगर हम शुद्ध बने रहे तो वह हमें कितना सामर्थ देंगे! पवित्र उद्धारकर्ता के आधिपत्य के सामने क्या तुम थरथराते हो? तुम्हारा सारा प्रेम पाने योग्य, परमेश्वर के पुत्र को क्या तुम चूम रहें हो? उन्होंने मूसा को ऐसा सामर्थ्य दिया। वही सामर्थ्य तुमको भी वह देंगे। विनम्रता,पवित्रता का एक भाग है। जब तुम में इस प्रकार की पवित्रता होगी, तब तुम एक महान शक्ति रहोगे।

            "तू अपने मन में अपने जाति-भाई से बैर रखना। अपने पड़ोसी को अवश्य डाँटना, नहीं तो तू भी उसके अधर्म का दोषी ठहरेगा।" (लेव्यव्यवस्था 19:17) तुम अपने पड़ोसी को नाश होते नही देख सकते। तुम ऐसे कार्य करो जिससे की वह पश्चात्ताप करें। "इसलिए कि तुम पुत्र हो, परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को, जो 'हे अब्बा! हे पिता!' कह कर पुकारता है, हमारे हृदयों में भेजा है। (गलातियों 4:6) उन्होंने अपना आत्मा तुम में भेजा है, ताकि तुम उत्तराधिकारी होने का दावा कर सकते हो।

            जब पवित्र आत्मा तुम में प्रवेश करता है, तब तुम अपने उत्तराधिकार के लिए पुकारते हो। परमेश्वर के वादों का दावा करो। उनको नष्ट होने दो। उनके वायदे तुम्हारे लिए रखे गये हैं। अगर तुम उनका दावा नही करोगे तो तुम एक हारने वाले व्यक्ति हो। ऐसी महान प्रतिज्ञाओं को अपने हाथों से क्यों धो बैठते हो? क्या तुम अपने प्रतिज्ञा-पत्र या अधिकारपत्र भूल जाते हो? उस से भी बढ़कर मूल्यवान चीजों को तुम खो रहे हो। तुम नही जानते कि परमेश्वर इस दुनिया के किस भाग में तुम को एक युद्ध-शस्त्र की भांति इस्तेमाल करेंगे। परमेश्वर को तुम्हारी जरूरत है। उनके सम्मुख थरथराओ। उनकी प्रतिज्ञाओं का दावा करो। जिस तरह मूसा ने किया, तुम को भी उसी तरह करना होगा। हमारे देश में, हमें ऐसा करना होगा। परमेश्वर के, उनके अपने अस्त्र-शस्त्र और तरीकें है। परमेश्वर तुम पर वह सब प्रकट करेंगे। अपने उद्धारक के साथ एक मन रहों।

            अगर परमेश्वर के प्रति मन से भय खोया हुआ कोई लापरवाह पुरुष या स्त्री हों, तो मुझे हमेशा यह डर रहता है कि कहीं वह अपने साथ आत्मिक अन्धकार ले आए। और वह किसी किसी दिन परमेश्वर के नाम को भी बदनाम करेगा। "हे भाइयों, तुम स्वतन्त्र होने के लिए बुलाए गये हो। इस स्वतन्त्रता को शारीरिक लालसाओं को पूर्ण करने का साधन बनाओ, परन्तु प्रेम से एक दूसरे की सेवा करो।" (गलातियों 5:13) परमेश्वर का आत्मा तुम को उस स्तर पर रखता है जहॉं तुम्हारे मन में कोई भी दुष्ट विचार नही आते।

            परमेश्वर तुम को दूसरों से प्रेम करना सिखाएगा। ऐसा प्रेम स्वभाविक रूप से तुम में रहेगा। पवित्र प्रेम! उत्तराधिकारी बनना, यह कितनी अद्भुत बात है। प्रेम के जरिये काम करने वाले विश्वास को ले कर तुम परमेश्वर की सेवा करोगे। अपने भविष्य के बारे में सारे विचारों को परमेश्वर पर छोड़ दो। तुम्हारे लिए क्या सब से अच्छा है, वह जानता है। थरथराते हुए प्रभु की उपासना करो। वह महान परमेश्वर है।

 

- एन दानिय्येल।