लेमेन्स इवैंजलिकल फैलोशिप इंटरनैशनल

संदेश-उपदेश


विश्वास जीवनदायक है
(Faith Brings Life)


"तुम तो उन अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।" (इफिसियों 2:1)

यहाँ एक परिवार को देखते हैं। जिन्होने परमेश्वर के जन के मूल्य को पहचाना। वे उनको परिवार में स्थान देना चाहते थे। उस परमेश्वर के जन के बारम्बार आने ने उनके अन्दर विश्वास उत्पन्न किया। जो विश्वास अब्राहम में था, वही विश्वास शूनेमिन के पति के अन्दर भी आया। एलीशा, जो परमेश्वर से पाए संदेश लोगों को देता था। उसने एक बार शूनेमिन से कहा - तेरे एक पुत्र पैदा होगा। और पुत्र के पैदा होने पर परिवार में खुशी भर गई। केवल विश्वास ही ऐसी खुशी देता है। जब पुत्र की मृत्यु हुई, विश्वास ही दुबारा उन्हें खुशी से भर सका। हम भी, जो अपने पापों और अपराधों में मरे हुए हैं, विश्वास के द्वारा जीवित हो सकते हैं।

एलीशा आया। वह कहाँ से आया? वह कर्म्मैल पर्वत से आया। वहाँ पर वह किसके साथ था? क्या कर रहा था? वह वहाँ परमेश्वर के साथ सहभागिता कर रहा था। वह जीवन से भरा था। उसमें प्राकृतिक जीवन नही, बल्कि परमेश्वर का जीवन था। जब उसने शूनेमिन के पुत्र की अचानक मौत के बारे में सुना, उसने जल्दबाजी की। मृत्यु? मृत्यु! मैं जाऊँगा। मेरा परमेश्वर मेरे साथ जायेगा - उसने कहा। परमेश्वर के जन ऐसे ही होते हैं।

स्वर्ग से परमेश्वर अपने सिंहासन से हम सभी को देख रहे हैं। वह हमें मृत पाते हैं शायद आप एलीशा के बिस्तर पर हो सकते हैं। आपके अन्दर इच्छा है कि आप परमेश्वर के आराधनालय में हों। बहुत से लोग नींद से जागे हुए पापी हैं। उनमें अभी तक मसीही धर्म नहीं है। क्या एलीशा आया? क्या ख्रीष्ट आया? पर आप अपनी इसी दशा में ही संतुष्ट हैं। आपने कुछ ही पापों को स्वीकार किया है। आप मृतक मनुष्य हैं। पर कह रहे हैं कि आपने अपने आपको परमेश्वर को समर्पित किया है। परमेश्वर मृत मनुष्य का समर्पण नहीं चाहते हैं। क्या आपने जीवन पाया है? यीशु मसीह दुनिया में आये। उन्होने कब्र में समाधि लेने के लिये अपने आपको परमेश्वर के अधीन कर दिया। यीशु फिर जी उठे। वे आप में मृत्यु के साथ-साथ पुनरुत्थान भी ले आये। उन्होने क्रूस पर अपना प्राण (जीवन) दिया। तत्‌ पश्‍चात पुनरुत्थान। उनके पास आपको पुनरुत्थान की शक्ति देने की सामर्थ है। आप विश्वास के द्वारा बचाये गये है। विश्वास क्या है? यह एक सक्रिय शक्ति है। यह एक विश्वास है। जो कार्य की उत्पति करता है।



- एन दानिएल।

संदेश-उपदेश - http://lefi.org/hindi/HindiSermons.htm