लेमेन्स इवैंजलिकल फैलोशिप इंटरनैशनल

संदेश-उपदेश


विश्वास में उन्नति
(Growing in Faith II)



उत्पत्ति 22:1-22

अतः अब्राहम सवेरे तड़के उठा और अपने गधे पर काठी कस कर अपने दो सेवक, और अपने पुत्र इसहाक को संग लिया, और होम बलि के लिए लकडी चीर ली; तब निकल कर उस स्थान की ओर चला, जिसकी चर्चा परमेश्वर ने उससे की थी। (उत्पत्ति 22:3)

जो महान विश्वास अब्राहम ने दिखाया मैं उस पर आश्चर्य करता हूँ। और इस विश्वास के स्तर तक पहुँचने के लिए अब्राहम को पचास साल लगे। जब कोई व्यक्ति विश्वास में आगे बढ़ता है तो उसे कई कदम उठाने पड़ते है। विश्वास की शुरुआत तो हो सकती है परंतु उस विश्वास की बढ़ती के लिए समय की आवश्यकता होती है। जो पहला कदम अब्राहम को उठाना पड़ा, वह था अपने लोगो एवं अपने देवताओं को छोड़ना। मन परिवर्तन के वक्त जो कदम हम उठाते है वह हमें उस वक्त काफी भारी जान पड़ता है। और जवानों के लिए इसका अर्थ होता है; अपने रिश्‍तेदारों एवं दुनिया के आराम को छोड़ना। यह एक बहुत महान एवं बड़ा कदम है और परमेश्वर इसका आदर करते हैं। अगर आप हमेशा अपने त्याग के विषय में सोचेंगे तो आप उन्नति नहीं कर पाऐंगे।

जब मैंने अपनी नौकरी छोड़ी और परमेश्वर की आज्ञानुसार उनकी सेवा में आया, तो परमेश्वर ने मुझे यह सोचने के लिए मना किया कि मैंने अबतक क्या सेवा की है। परंतु मुझे आगे चल कर क्या करना होगा, मुझे वह सोचना चाहिए। और मुझे सचेत रहना एवं प्रार्थना करते रहना चाहिए। अपने देश एवं अपने लोगो को छोड़ने के बाद, अब्राहम को और भी कई कदम उठाने पड़े। परमेश्वर ने अब्राहम को एक प्रतिज्ञा दी, " जो तुझे आशिष दे, मैं उसे आशीष दूँगा,जो तुझे शाप दे मैं उसे शापित करूँगा।" इसके बाद देश मे तुरंत अकाल पड़ा और अब्राहम परमेश्वर की सलाह लिए बिना नीचे की ओर मिस्र देश को गया। और यह उसकी अनुभवहीनता थी। जब आप सब कुछ छोड़ कर परमेश्वर के पीछे हो लेते है तो आपको चाहिए कि आप अपने-आप को परमेश्वर की सम्पूर्ण इच्छा पर छोड़े।

फिलिप्पियो 3:13 "हे भाईयो, मेरी भावना यह नही कि मैं पकड़ चुका हूँ; परंतु केवल यह एक काम करता हूँ जो बाते पीछे रह गई हैं उनको भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ चला जाता हूँ।" संत पौलुस ने उन बातो को नहीं सोचा जो वह कर चुके थे।

परमेश्वर ने आपको अनेक आशीष दी है क्योंकि आपने अपना सब कुछ उनके पीछे चलने के लिए न्यौछावर कर दिया है। अब्राहम ने मिस्र देश में जाकर अपने-आप को अशोभित परिस्थिति मे डाल दिया। परंतु परमेश्वर ने मिस्र के राजा को सज़ा दी एवं उसे मुक्त भी किया। आपके अध्यात्मिक जीवन मे आपके लड़खडाने के कारण कई बार दूसरो को हानि पहुँच सकती है। जो विश्वास रूपी धार्मिकता आपको परमेश्वर से मिली है, वह जरूर फल लाएगी, आपके दूश्मनों को जरूर सज़ा दी जाएगी। और वक्त आने पर वे पीडा उठाऐंगे। जब लोग आपके खिलाफ जाएँ उनके लिए प्रार्थना करो कि उन्हे सज़ा न भुगतनी पड़े। दुष्ट की मृत्यु पर हम आनंद न मनाएँ।

एक और विषय मे भी अब्राहम परमेश्वर की इच्छा से चूक गया था। उसने मिस्र से किसी दासी स्त्री को लाकर अपनी पत्नी स्वरूप रखा। और उन दिनों के रिवाज़ के अनुसार यह बात गलत नही थी। परंतु फिर भी यह परमेश्वर की इच्छा नहीं थी। और यह बात उसके परिवार मे विभाजन का कारण बनी। परंतु परमेश्वर ने उसे अपनी पत्नी की बात मानने को एवं हाजिरा और उसके बेटे को बाहर भेजने के लिए कहा। उसने आज्ञा मानी एवं एक महान आशीष उस पर आई। अब्राहम ने गलतियाँ तो की, परंतु वह आगे की ओर बढ़ता गया। उसका विश्वास महान था। यह अच्छी बात है कि हम अपनी गलतियो को परखें। जिन-जिन विषयों में मैं परमेश्वर की मर्जी को नही कर पाया, उन विषयो में परिणाम मैं भुगत रहा हूँ। और जब हम किसी विषय में परमेश्वर का इच्छा से चूक जाते हैं, उसका परिणाम कई सालों तक हमारा पीछा करता है। अब्राहम तब तक बढ़ता गया जब तक उसने अपने पुत्र का बलिदान नही किया। हमें नियमित रूप से बढ़ते रहना चाहिए, एकाएक कभी भी परमेश्वर की बुलाहट आ सकती है। हमें तैयार रहना चाहिए। जो काम वह आपको सौंपते है, हो सकता है, वह आपके जीवन के लिए ज़ोखिम भरा हो। यहाँ तक कि यदि आप अपनी गलतियों के बावजूद भी वफादारी से परमेश्वर का अनुसरण करें तो परमेश्वर आपको विश्वास मे बढोत्री देगा। मुझे इस बात का खेद है कि कई बार मैं परमेश्वर की आज्ञाओ के लिए तैयार नही था। परंतु आप ऐसा कभी न करें। आपको विश्वास में आगे बढने के लिए हर एक मौके का फायदा उठाना चाहिए। उसके बाद परमेश्वर, आपको एक अनोखा प्रशिक्षण देगा। परमेश्वर ने कहा है कि अब्राहम पूरे संसार के लिए आशिष का कारण बनेगा।



- एन दानिएल।

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