लेमेन्स इवैंजलिकल फैलोशिप इंटरनैशनल

संदेश-उपदेश

 

विश्वास का स्तर

 

            "वर्ष में तीन बार तेरे सब पुरुष इस्राएल के परमेश्वर, प्रभु यहोवा को अपना मुंह दिखाएँ।' (निर्गमन 34:23)

     परमेश्वर मनुष्य के तत्व जानते हुये, अपनी प्रजा को कुछ आदेश दे रहे है, ताकी उनमें कृतज्ञता बढ़े। हम में से कई, कृतज्ञता की कमी की वजह से कष्ट उठा रहें है। तुम्हारी कृतज्ञता ही तुम्हारे विश्वास का माप है। परमेश्वर चाहते हैं कि हम अपने उद्धार का दिन याद रखें। याद रखें किस तरह वह अशिष तुम पर आयी। किस तरह उन्होंने तुम्हें पाप और इस दुनिया की दौड़ से छुटकारा दिलाया। और यह जानें कि जो वह अब देने जा रहें है वह अति उत्तम है। तुम यह पहचान कर, परमेश्वर का धन्यवाद करो, तो तुम कुछ गॅवा रहें हो। कुछ सन्त, आधी रात में भी उठकर परमेश्वर का धन्यवाद किया करते थे। परमेश्वर का धन्यवाद करने के लिए, तुम्हें समय नीयत करना चाहिए।

     यहूदियों से कहा गया है कि वे यरूशलेम जायें। और वर्ष में तीन बार प्रभु के मंदिर में उपस्थित हों। यातायात के किसी साधन बिना, वह बहुत लम्बा सफर था। फिर भी, उन्हें जाना ही है। तुम क्या सोचते हो कि वे रास्ते में क्या करते होंगे? एक जाति और एक व्यक्ति के रूप, उन के लिए परमेश्वर ने क्या किया -  इस के बारे में वे सोचते रहते। मगर उस मे स्थित "मसीहा' को वह पहचान नहीं पाये। उनके आने की आशा ने उन्हें इन यात्राओं के दौरान जीवित रखा। कुछ समय, वे अपने सारे परिवार के साथ आते और मंदिर में बलि चढ़ाते। परमेश्वर चाहते थे कि वे अपना पहलौठा उन्हें दे दें। इन सब बातों में परमेश्वर का एक खास उद्देश् था। और जो इन बातों को हल्का माना, उन्होंने कई कठिनाईयां झेलनी पड़ी।

     आज हमारे लिए भी, परमेश्वर का यही आदेश है। परमेश्वर के बच्चे होने के कारण, हमारी बहुत बड़ी ज़िम्मेवारी है। मैं हमेशा परमेश्वर से पूछता हूँ कि क्या मैं इस के योग्य हूँ? कितनी बार हम ऐसी सोच और इच्छा रखते है, जो परमेश्वर के विरुद्ध है! परमेश्वर के विचारों के स्तर पर हमारे विचार भी पहुँचे,यही एक मसीही जन की उन्नति की विधि है। क्रमिक, तुम्हारे अपने विचार तुम्हें छोड़ जाएंगे और परमेश्वर के विचार तुम में स्थिर बनेंगे। इस विधर्मी जगह पर, एक मसीही बन के रहना, बहुत बड़ी ज़िम्मेवारी है। हम अपनी अयोग्यता  पहचान कर, परमेश्वर से मॉंग करे कि वे हमें योग्य बनायें। क्या तुम अपने कॉलेज में  दिखा पाये कि तुम एक मसीही हो? जब तुम्हारे विचार मसीह के आधीन हों, तब वह बहुत बड़ी जीत है। परमेश्वर पर, अपनी आत्मा द्वारा बिना शंका करे विश्वास करो। कुछ समय तक आदमी, दर्शन, वाणी, चमत्कार - इन के आधार पर, परमेश्वर पर भरोसा करेगा। मगर एक ऐसे स्तर तक हमें पहुँचना है जब परमेश्वर का नग्न विश्वास से भरोसा करें। मैडम गय्यून कहा करती थीं कि दर्शन देखना, आत्मा के एक निचले स्तर का वरदान है। और जो उनको अपना आधार बनाते है, अन्त में कभी सिद्ध नही बन पाएंगे। परमेश्वर का वचन हम में कार्य करके, एक ऐसा विश्वास उत्पन्न करता है जो हमेशा हमें परमेश्वर से लिपटाये रहता है। जैस-जैसे परमेश्वर का वचन तुम्हारे लिये मूल्यवान बने और उनके वचन का आज्ञापालन करते रहो तो शैतान काँपने लगेगा। अन्धकार की शाक्तियॉं डर जाएंगीं और सावधान रहने लगेंगी। जब तक तुम अपने जीवन को कामयाबी से भरा पाओगे, तब तक तुम आगे और आगे बढ़ते जाओगे। दस नहीं, हजारों मसीह के लिए जीते जाएंगे।

     परमेश्वर ने इस्राएलियों को वर्ष में तीन बार आने के लिए कहा। उसमें बहुत खर्चा भी होता था। बहुत समय लगता था। परमेश्वर ने कहा, "पहलौठा मेरा है।' यह सब परमेश्वर पर विश्वास को और अधिक दृढ़ करता। मगर भौतिक वस्तुओं का त्याग करना बहुत बड़ी बात नही। तुम्हारी आध्यात्मिक क्षमता बहुत विकसित हो सकती है। तुम्हारे विचार और तुम्हारे वचन नबूवती बन सकते हैं। जो लोग तुम्हारे सम्पर्क में आते, यह महसूस करें कि तुम एक बिजली की तार के समान हो। नबी वैसे ही थे। हम शनिवार को प्रार्थना के लिए क्यों इकट्ठा होते हैं? ताकी हमारा विश्वास बढ़े। जैसे समय बीतता जाएगा, तुम जरूर मसीह की महिमा करोगे और अत्मायें उनके पास लाओगे। तुम विश्वास में ऐसी ऊँचाई पर पहुँचोगे, जहाँ से तुम कभी ना गिरोगे।

     तुम्हारा विश्वास एक सही दिशा में आगे बढता है। और इस तरह गहरा और चौड़ा बहता है कि समाज पर भी असर डलता है। जॉन वेस्ली के समूह में, वे प्रार्थना करते, प्रतीक्षा करते और आज्ञापालन करते। जब वे जगह-जगह जाते, हर स्थान पर आध्यात्मिक रूप से वे भरपूर असर कर देते। एक दिन, परमेश्वर हमें भी उसी तरह इस्तेमाल करेंगे। परमेश्वर के अराधनालय को, उनके नाम की महिमा के अनुरूप रखना, यह आसान बात नही। यह उद्धारक से सम्बन्धित है। "कोई तेरी भूमि का लालच नहीं करेगा।' (वचन 24) यह एक महत्व पूर्ण वादा है। जितनी जल्दी तुम परमेश्वर की इच्छा में आते हो और तुम्हारी इच्छा नष्ट होती है, तुम उनकी आशिष की परिपूर्णता देख पाओगे। परमेश्वर और तुम दोनों आनंदित होगे। तुम्हारे उद्धार का आनन्द पूर्ण होगा। तुम स्वर्ग के प्रवाह में तैरोगे। वह चप्पू नही जो तुम्हें आगे ले जाता है, वह प्रवाह ही तुम को बहा ले जाता। जब तुम रडड्र को देखते हो, तुम्हें एहसास होता कि तुम महान कामयाबी और विजय की ओर प्रयाण कर रहें हो। आजकल लोगों का लाभ से प्रेरित धर्म है। इसलिए विधर्मी हमारे धर्म का सम्मान नहीं करते। प्रभु हमारे साथ है। परमेश्वर कह रहे हैं, "मैंने तुम्हें अपनी आज्ञा दी है" तुम अपने बच्चों को विधर्मियों से किसी भी तरह की वाचा नही बाँधने देना। परमेश्वर की अनुमति हो तभी, नही तो किसी से भी कुछ वादा नही करना। अगर तुम वादा कर चुकें हो तो उसे तोड़ दो और परमेश्वर के पास जाकर पश्चात्ताप करो। मेरे मार्ग के नियंत्रण का अधिकार मेरा नही, मसीह का है।

     मूसा, परमेश्वर की सन्निधि में गये, और उनका चमकता चेहरा वापस आया। वह तुम्हारी तरह एक साधारण मनुष्य थे। मगर वह कितने अलग थे। किसने उन्हें यह सम्मान दिया? परमेश्वर ने ! हमारा चाल-चलन और जीवन का हर पहलू, एक सीख हो। एक मसीही होना, बहुत बड़ा सौभाग्य है। ओह, व्यर्थ बिताए वे साल! हे मनुष्य, तुम्हें अब यह अवसर दिया गया है। अनुग्रह में बढ़ो। प्रभु में आनंदित हो। परमेश्वर कहते है, "तुम मेरे जन हो। स्वर्गीय सत्य और अनन्त कालीन सत्य, मैं ने तुम पर प्रकट किया।" यह याद रखो कि जब तुम बाइबल पढ़ते हो तो अनन्त सत्य प्राप्त कर रहें हो। जिस पल तुम उस सत्य की धारा में प्रवेश करते हो, उसी क्षण से कोई तुम्हें हिला नही पायेगा। परमेश्वर तुम्हें प्यार और अनुग्रह की उस गहराई में ले जायेगें, जिसे संसार ने आज तक नही देखा।

- एन. दानिय्यल।